एक कहानी आप के लिए (भाग-३)
एक घर मैं एक मकड़ी अपना जाला बनाने के लिए जगह तलाश रही थी | बहुत ढूँढने के बाद उसने कमरे के एक कोने को पसंद किया और वहां जाला बुनना शुरू किया | कुछ देर बाद उसने देखा की वहां खड़ी एक बिल्ली उसकी तरफ देखकर हंस रही थी | मकड़ी ने कारण पूछा तो बिल्ली ने कहा की यह जगह तो साफ़ -सुथरी है , यहाँ मक्खियाँ नहीं है | यहाँ तुम्हारे जाले मैं कौन फंसेगा | मकड़ी को बिल्ली की बात सही लगी और वह आधे बने जाले को छोड़कर दूसरी जगह ढूँढने लगी | उसे खिड़की के पास की जगह सही लगी और वह वहां जाला बनाने लगी | तभी वहां एक चिड़िया आई और मकड़ी से बोली की यहाँ तो खिड़की से तेज हवा आती है , यहाँ तो जाला और तुम दोनों उड़ जाओगे | मकड़ी को चिड़िया की बात सही लगी और वह फिर जाला अधुरा छोड़ नई जगह तलाशने लगी | इस सबमें बहुत देर हो गई थी और मकड़ी को भूख भी लगी थी | अब उसमें जाला बनाने की हिम्मत नहीं थी और वह अधमरी हालत मैं एक कोने मैं बैठी थी | उसे पछतावा हो रहा था की दूसरों की बातों मैं आकर उसने अपना काम अधुरा छोड़ दिया वर्ना इस वख्त वह आराम से अपने जाले मैं बैठी होती |
मंत्र : दूसरों की बातों मैं आकर अपना काम अधुरा छोड़ना सही नहीं है|
मंत्र : दूसरों की बातों मैं आकर अपना काम अधुरा छोड़ना सही नहीं है|
Bahut badhiya
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